सहिंता
संज्ञा :-
संज्ञा :-
•पर:
सन्निकर्ष: संहिता
सन्निकर्ष: संहिता
üवर्णों
की अत्यधिक सन्निधि को ही संहिता कहा जाता है ।
की अत्यधिक सन्निधि को ही संहिता कहा जाता है ।
संहितैकपदे नित्या नित्या
धातूपसर्गयोः ।
धातूपसर्गयोः ।
नित्या समासे वाक्ये तु सा
विवक्षामपेक्षते ॥
विवक्षामपेक्षते ॥
*संस्कृत व्याकरण* :
उच्चारण स्थान संस्कृत : https://youtu.be/4eJBGwtad-E
उपसर्ग/ Upsarg :
https://youtu.be/reJ6mDx-w4c
अव्यय : https://youtu.be/pJVpdRVWF3s
समास भाग - १ : https://youtu.be/tu34HcXIQ24
समास भाग - 2. https://youtu.be/LMPgmjayuKI
समास भाग 3. https://youtu.be/PebwYh2CBxs
संधि : https://youtu.be/lDI574t2hAI
कारक : https://youtu.be/EsHTlXK-lDo
कारक 2 : https://youtu.be/u_eC1Sar-Xk
छन्द : https://youtu.be/ESMtKuAnryk
यत्न : https://youtu.be/8PgvCs-s13w
बाह्य यत्न : https://youtu.be/lsHYou_dakE
सवर्ण संज्ञा : https://youtu.be/p8UhHyvlTBk
इत् संज्ञा : https://youtu.be/6CXxUkf06Ys
इत् संज्ञा Part-2
: https://youtu.be/kqJ42Zt5qjs
संहिता संज्ञा: https://youtu.be/gwJqhhLQcHA
Sanskrit : Sanhita Sangya (संहिता संज्ञा ) Sangya Prakaran sanskrit, sangya surt sanskrit, संस्कृत
पर: सन्निकर्ष: संहिता
parah sannikarsh sanhita