भट्टनायक : साधारणीकरण || हिंदी साहित्य || Bhattnayak Sadharanikaran || RPSC 2nd Grade, 1st Grade.
personSK Katariya
December 08, 2021
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भट्टनायक : साधारणीकरण || हिंदी साहित्य || Bhattnayak Sadharanikaran || RPSC 2nd Grade, 1st Grade.
भट्टनायक के अनुसार,
‘भावकत्वम् साधारणीकरण, तेन हि व्यापारेण विभावदायः
स्थायी च साधारणीकरण क्रियन्ते।’’
अर्थात भावकत्व साधारणीकरण है। इस व्यापार से विभावादि और स्थायी भावों का साधारणीकरण होता है। इस प्रकार भट्टनायक ने ‘भावकत्व’ नामक व्यापार के माध्यम से साधारणीकरण का उल्लेख किया है।
विशेषः भट्टनायक ने काव्य के तीन व्यापार बताए है-
अभिधा (पाठ का वाच्यार्थ,भाषा ,आलंकारिक योजना)
भावकत्व (काव्य रसों से संबंध)
भोजकत्व (सहृदय सामाजिक से संबंध)