RPSC: 2nd, 1st Grade मलिक मोहम्मद जायसी, Malik Mohammad Jayasi, Padmavati, पद्मावती, Sahil Sir Hindi
RPSC: 2nd, 1st Grade मलिक मोहम्मद जायसी, Malik Mohammad Jayasi, Padmavati, पद्मावती, Sahil Sir Hindi
===== Call / WhatsApp : +91 9928549654
_________Mobile App-______Sky Educare _______
Link: https://play.google.com/store/apps/de...
__________________________________________
_____________Telegram Channel____________
Join Link : https://t.me/skyeducare
___________________________________________
RPSC 2nd Grade, 1st Grade : हिंदी साहित्य, भक्ति काल Part - 3, भक्ति : एक प्रतिवस्तु साहित्य, Hindi Sahitya,
Bhakti kaal part 3 sky educare
#Hindi
#Dr_Sahil_Sir
#RPSC
RPSC: 2nd, 1st Grade मलिक मोहम्मद #जायसी, Malik Mohammad #Jayasi, #Padmavati, #पद्मावती, Sahil Sir Hindi
#Padmavat, #पद्मावत
Dr. Sahil Sir Hindi Sahitya
sahil Sir hindi,
sahil sir hindi 2nd grade, sahil sir hindi sahitya first grade,
Malik Muhammad Jayasi was an Indian Sufi poet and pir. He wrote in the Awadhi language, and in the Persian Nastaʿlīq script. His best known work is the epic poem Padmavat.
मलिक मुहम्मद जायसी (१४६७-१५४२) हिन्दी साहित्य के भक्ति काल की निर्गुण प्रेमाश्रयी धारा के कवि थे। वे अत्यंत उच्चकोटि के सरल और उदार सूफ़ी महात्मा थे। जायसी मलिक वंश के थे। मिस्र में सेनापति या प्रधानमंत्री को मलिक कहते थे। दिल्ली सल्तनत में खिलजी वंश राज्यकाल में अलाउद्दीन खिलजी ने अपने चाचा को मरवाने के लिए बहुत से मलिकों को नियुक्त किया था जिसके कारण यह नाम उस काल से काफी प्रचलित हो गया था। इरान में मलिक जमींदार को कहा जाता था व इनके पूर्वज वहां के निगलाम प्रान्त से आये थे और वहीं से उनके पूर्वजों की पदवी मलिक थी। मलिक मुहम्मद जायसी के वंशज अशरफी खानदान के चेले थे और मलिक कहलाते थे। फिरोज शाह तुगलक के अनुसार बारह हजार सेना के रिसालदार को मलिक कहा जाता था।[1] जायसी ने शेख बुरहान और सैयद अशरफ का अपने गुरुओं के रूप में उल्लेख किया है।