ü Important Quotes for success
ü हमेशा ध्यान में रखिये की आपका
सफल होने का संकल्प किसी भी और संकल्प से महत्त्वपूर्ण है। - अब्राहम लिंकन
ü यह सोचना हीं सबसे बड़ा पाप है कि मैं निर्बल हूँ
या दूसरे लोग कमजोर हैं. - स्वामी विवेकानन्द
ü एक विचार को पकड़ना. उसी विचार को अपना जीवन बना
लेना. उसी के बारे में सोचना, उसी के सपने देखना, उसी विचार को जीना. अपने दिमाग, मांसपेशियों, और शरीर
के हर हिस्से को उसी विचार में डूब जाने देना, और बाकी
सभी विचारों को किनारे रख देना. यही सफल होने का तरीका है, यही सफलता का सूत्र है. - स्वामी विवेकानन्द
ü याद रखिये…! असफलता
अनाथ होती है लेकिन सफलता के बहुत सारे रिश्तेदार होते हैं.
ü जिसने अपने को वश में कर लिया है, उसकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते.
ü कोई भी सुझाव, योजना, या उद्देश्य मन में विचार को बार-बार दोहरा कर
बैठाया जा सकता है। -Napoleon
Hill
ü मेहनत कीजिये लेकिन बिना योजना के नहीं. एक-एक
कदम उठाइए. जब एक कदम उठा चुके हों तब दुसरे क़दम की तैयारी करें.
ü थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।
-महात्मा गांधी
ü सफलता का कोई रहस्य नहीं है, वह केवल अत्यधिक परिश्रम चाहती है
ü जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों को अलग तरीके से करते हैं.
ü अगर ज़िन्दगी में कुछ पाना है तो तरीके बदलो इरादे
नहीं.
ü तैयारी में असफल होकर, आप असफल होने की तैयारी कर रहे हैं
ü समस्त सफलताएं कर्म की नींव पर आधारित होती हैं
ü यदि आप सफल होना चाहते हैं, तो अपना ध्यान समस्या खोजने में नहीं समाधान
खोजने में लगाइए
ü हर सफलता के पीछे एक बहुत बड़ा बलिदान का हाथ होता
है.
ü कुछ करने की इच्छा वाले व्यक्ति के लिए इस
दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है।
ü अगर तुमने चमत्कार नहीं देखे तो खुद एक चमत्कार
बन जाओ.- Nicholas
James
ü एक नौजवान व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए उसे हर
संभव तरीके से अपना विकास करना चाहिए, ऐसा कभी
नहीं शक करना चाहिए की कोई उसके रास्ते में रूकावट हो सकता है। Abraham Lincoln
ü जहां तुम हो वही से शुरू करो , जो कुछ भी तुम्हारे पास है उसका उपयोग करो और वह
करो जो तुम कर सकते हो |
ü सफलता पाने के लिए हमें पहले विश्वास करना होगा
की हम कर सकते हैं.- निकोस कजंतजकिस
ü ईश्वर ही ईश्वर की उपलब्थि कर सकता है। सभी जीवंत
ईश्वर हैं–इस भाव से सब को देखो। मनुष्य का अध्ययन करो, मनुष्य ही जीवन्त काव्य है। जगत में जितने ईसा या
बुद्ध हुए हैं, सभी हमारी ज्योति से ज्योतिष्मान हैं। इस ज्योति
को छोड़ देने पर ये सब हमारे लिए और अधिक जीवित नहीं रह सकेंगे, मर जाएंगे। तुम अपनी आत्मा के ऊपर स्थिर रहो। -स्वामी विवेकानन्द
ü ज्ञान स्वयमेव वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है। -स्वामी विवेकानन्द
ü मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है, एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव-देह तथा इस जन्म में ही हम इस
सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतया बाहर हो सकते हैं–निश्चय
ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह
मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है। -स्वामी विवेकानन्द
ü जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना
चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्ष का काम करना पड़ेगा।
वह जिस युग में जन्मा है, उससे उसे बहुत आगे जाना पड़ेगा, किन्तु साधारण लोग किसी तरह रेंगते-रेंगते ही आगे
बढ़ सकते हैं। -स्वामी विवेकानन्द
ü जो महापुरुष प्रचार-कार्य के लिए अपना जीवन
समर्पित कर देते हैं, वे उन महापुरुषों की तुलना में अपेक्षाकृत अपूर्ण
हैं, जो मौन रहकर पवित्र जीवनयापन करते हैं और श्रेष्ठ
विचारों का चिन्तन करते हुए जगत् की सहायता करते हैं। इन सभी महापुरुषों में एक के
बाद दूसरे का आविर्भाव होता है–अंत में उनकी शक्ति
का चरम फलस्वरूप ऐसा कोई शक्तिसम्पन्न पुरुष आविर्भूत होता है, जो जगत् को शिक्षा प्रदान करता है। -स्वामी विवेकानन्द
ü आध्यात्मिक दृष्टि से विकसित हो चुकने पर धर्मसंघ
में बना रहना अवांछनीय है। उससे बाहर निकलकर स्वाधीनता की मुक्त वायु में जीवन
व्यतीत करो। -स्वामी विवेकानन्द
ü मुक्ति-लाभ के अतिरिक्त और कौन सी उच्चावस्था का
लाभ किया जा सकता है? देवदूत कभी कोई बुरे कार्य नहीं करते, इसलिए उन्हें कभी दंड भी प्राप्त नहीं होता, अतएव वे मुक्त भी नहीं हो सकते। सांसारिक धक्का
ही हमें जगा देता है, वही इस जगत्स्वप्न को भंग करने में सहायता पहुँचाता
है। इस प्रकार के लगातार आघात ही इस संसार से छुटकारा पाने की अर्थात् मुक्ति-लाभ
करने की हमारी आकांक्षा को जाग्रत करते हैं। -स्वामी
विवेकानन्द
ü हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है, उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है, और उतनी ही हमारी इच्छा शक्ति अधिक बलवती होती
है। -स्वामी विवेकानन्द
ü मन का विकास करो और उसका संयम करो, उसके बाद जहाँ इच्छा हो, वहाँ इसका प्रयोग करो–उससे अति शीघ्र फल प्राप्ति होगी। यह है यथार्थ
आत्मोन्नति का उपाय। एकाग्रता सीखो, और जिस
ओर इच्छा हो, उसका प्रयोग करो। ऐसा करने पर तुम्हें कुछ खोना
नहीं पड़ेगा। जो समस्त को प्राप्त करता है, वह अंश
को भी प्राप्त कर सकता है। -स्वामी विवेकानन्द
ü पहले स्वयं संपूर्ण मुक्तावस्था प्राप्त कर लो, उसके बाद इच्छा करने पर फिर अपने को सीमाबद्ध कर
सकते हो। प्रत्येक कार्य में अपनी समस्त शक्ति का प्रयोग करो। -स्वामी विवेकानन्द
ü सभी मरेंगे- साधु या असाधु, धनी या दरिद्र- सभी मरेंगे। चिर काल तक किसी का
शरीर नहीं रहेगा। अतएव उठो, जागो और संपूर्ण रूप से निष्कपट हो जाओ। भारत में
घोर कपट समा गया है। चाहिए चरित्र, चाहिए
इस तरह की दृढ़ता और चरित्र का बल, जिससे
मनुष्य आजीवन दृढ़व्रत बन सके। -स्वामी विवेकानन्द
ü संन्यास का अर्थ है, मृत्यु के प्रति प्रेम। सांसारिक लोग जीवन से
प्रेम करते हैं, परन्तु संन्यासी के लिए प्रेम करने को मृत्यु है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम आत्महत्या कर लें। आत्महत्या करने वालों को तो
कभी मृत्यु प्यारी नहीं होती है। संन्यासी का धर्म है समस्त संसार के हित के लिए
निरंतर आत्मत्याग करते हुए धीरे-धीरे मृत्यु को प्राप्त हो जाना। -स्वामी विवेकानन्द
ü हे सखे, तुम
क्योँ रो रहे हो ? सब शक्ति तो तुम्हीं में हैं। हे भगवन्, अपना ऐश्वर्यमय स्वरूप को विकसित करो। ये तीनों
लोक तुम्हारे पैरों के नीचे हैं। जड की कोई शक्ति नहीं प्रबल शक्ति आत्मा की हैं।
हे विद्वन! डरो मत्; तुम्हारा नाश नहीं हैं, संसार-सागर से पार उतरने का उपाय हैं। जिस पथ के
अवलम्बन से यती लोग संसार-सागर के पार उतरे हैं, वही
श्रेष्ठ पथ मै तुम्हे दिखाता हूँ -स्वामी विवेकानन्द
ü बडे-बडे दिग्गज बह जायेंगे। छोटे-मोटे की तो बात
ही क्या है! तुम लोग कमर कसकर कार्य में जुट जाओ, हुंकार
मात्र से हम दुनिया को पलट देंगे। अभी तो केवल मात्र प्रारम्भ ही है। किसी के साथ
विवाद न कर हिल-मिलकर अग्रसर हो -- यह दुनिया भयानक है, किसी पर विश्वास नहीं है। डरने का कोई कारण नहीं
है, माँ मेरे साथ हैं -- इस बार ऐसे कार्य होंगे कि
तुम चकित हो जाओगे। भय किस बात का? किसका
भय? वज्र जैसा हृदय बनाकर कार्य में जुट जाओ। -स्वामी विवेकानन्द
ü तुमने बहुत बहादुरी की है। शाबाश! हिचकने वाले
पीछे रह जायेंगे और तुम कुद कर सबके आगे पहुँच जाओगे। जो अपना उध्दार में लगे हुए
हैं, वे न तो अपना उद्धार ही कर सकेंगे और न दूसरों
का। ऐसा शोर - गुल मचाओ की उसकी आवाज़ दुनिया के कोने कोने में फैल जाय। कुछ लोग
ऐसे हैं, जो कि दूसरों की त्रुटियों को देखने के लिए तैयार
बैठे हैं, किन्तु कार्य करने के समय उनका पता नही चलता है।
जुट जाओ, अपनी शक्ति के अनुसार आगे बढो।इसके बाद मैं भारत
पहुँच कर सारे देश में उत्तेजना फूँक दूंगा। डर किस बात का है? नहीं है, नहीं है, कहने से साँप का विष भी नहीं रहता है। नहीं नहीं
कहने से तो 'नहीं' हो जाना
पडेगा। खूब शाबाश! छान डालो - सारी दूनिया को छान डालो! अफसोस इस बात का है कि यदि
मुझ जैसे दो - चार व्यक्ति भी तुम्हारे साथी होते - -स्वामी
विवेकानन्द
ü तमाम संसा हिल उठता। क्या करूँ धीरे - धीरे अग्रसर
होना पड रहा है। तूफ़ान मचा दो तूफ़ान! -स्वामी
विवेकानन्द
ü जीस प्रकार स्वर्ग में, उसी प्रकार इस नश्वर जगत में भी तुम्हारी इच्छा
पूर्ण हो, क्योंकि अनन्त काल के लिए जगत में तुम्हारी ही
महिमा घोषित हो रही है एवं सब कुछ तुम्हारा ही राज्य है। -स्वामी विवेकानन्द
ü Everything is easy when you are busy.
But nothing is easy when you are lazy.- Swami Vivekananda
ü Never say no, Never say, 'I cannot',
for you are infinite. All the power is within you. You can do anything.-Swami
Vivekananda
ü As long as we require someone else to
make us happy, we are slaves.-Swami Vivekananda
ü Do not lower your goals to the level
of your abilities. Instead, raise your abilities to the height of your
goals.- Swami Vivekananda
ü Take Risks in Your Life If you Win, U
Can Lead! If You Lose, You can Guide! -Swami Vivekananda
ü God is always God, but the views
which people and nations may take of him vary. No higher view is known than
that of love. - Swami Vivekananda
ü You are incarnations of God, all of
you. You are incarnations of the Almighty, Omnipresent, Divine Principle. You
may laugh at me now, but the time will come when y - Swami
Vivekananda
ü Take up one idea. Make that one idea
your life - think of it, dream of it, live on that idea. Let the brain,
muscles, nerves, every part of your body, be full of that idea, and just leave
every other idea alone. This is the way to success.- Swami Vivekananda
ü Arise! Awake! and stop not until the
goal is reached.-Swami Vivekananda
ü believe in yourself and the
world will be at your feet - Swami Vivekananda
ü
ü बारिश की दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है
लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही अवॉयड कर देते है | समस्याए कॉमन है, लेकिन
आपका एटीट्यूड इनमे डिफरेंस पैदा करता है। --
Dr.A.P.J. अब्दुल कलाम
ü शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या कोई दूसरा
लक्ष्य |- -
Dr.A.P.J. अब्दुल कलाम
ü इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी
हैं| जब हम कठिनाइयों का सामना करते हैं तो हम अपने
भीतर छिपे साहस के असीमित भण्डार को खोज पाते हैं| जब हम
असफल होते हैं, तभी हमें यह अहसास हो पाता हैं कि संसाधन हमारे
पास हमेशा होते हैं, हमें केवल उन्हें खोजने और आगे बढ़ने की आवश्यकता
होती हैं | -
Dr.A.P.J. अब्दुल कलाम
ü हम सभी के पास एक समान प्रतिभा नहीं होती, लेकिन हम सभी के पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने
समान अवसर होते हैं |-
Dr.A.P.J. अब्दुल कला
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ü अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान
के मूल काम अंग्रेजी में हैं | मेरा विश्वास है कि
अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे |-
Dr.A.P.J. अब्दुल कलाम
ü इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे |
- Dr.A.P.J. अब्दुल कलाम
ü अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हो, तो पहले सूर्य की तरह जलना सीखो | -
Dr.A.P.J. अब्दुल कलाम
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ü अब्दुल कलाम के अद्भुत सुविचार – APJ Abdul Kalam
Quotes In Hindi