व्याकरण शिक्षण विधियाँ, Part-15, #Sanskrit shikshan vidhi, vyakran shikshan ki vidhiyan sanskrit

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व्याकरण शिक्षण विधियाँ,

1. प्राचीन विधि

2. आधुनिक विधि

व्याकरण शिक्षण के उद्देश्य- भाषा ज्ञान 

संस्कृत भाषा को शुद्ध रूप में जानने के लिए व्याकरण शास्त्र का अधययन किया जाता है।

छात्रों को शुद्ध भाषा के प्रयोग सीखना।

व्याकरण के द्वारा छात्रों में रचना तथा सर्जनात्मकता।

छात्रों को ध्वनियों, ध्वनियों के सूक्ष्म अन्तर शब्द योजना, शब्द शक्तियों एवं शुद्ध वर्तनी का ज्ञान कराना।

छात्रों को वाक्य रचना के नियम, विराम चिन्हों का शुद्ध प्रयोग आदि का ज्ञान कराना।



1. प्राचीन विधि  :-

सूत्र विधि,

परायण विधि,

व्याकरणानुवादविधि (भंडारकर विधि)

अव्याकृत विधि/भाषा संसर्ग विधि,

आगमन विधि,

निगमन विधि,

व्याख्या विधि,





2. आधुनिक विधि :-



आगमन निगमन विधि,

पाठ्यपुस्तक विधि,

अनौपचारिक विधि,

समवाय विधि,

संरचनाविधि,



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